नए संसद भवन के उद्घाटन की तैयारिया जोरो पर है और उसके साथ ही कांग्रेस सहित करीब 20 विपक्षी दल इसके विरोध में है। ऐसे में सियासत इस समय गरमाई हुई है। नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को होना है और पीएम मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। लेकिन विपक्ष की मांग है की राष्ट्रपति के हाथों इसका उद्घाटन करवाया जाए।
इधर कांग्रेस सहित विपक्ष के 20 दलों के बहिष्कार के बाद भी देशभर के लगभग 25 दल इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। भाजपा के अलावा 24 अन्य पार्टियां हैं जो इसमें हिस्सा लेने जा रही हैं। बहिष्कार करने वाले दलों ने कहा, इस सरकार के कार्यकाल में संसद की आत्मा पर बार-बार हमला किया गया। इस अहम समारोह से राष्ट्रपति को दूर रखा गया यह ;अशोभनीय कृत्य है।
नए संसद भवन उद्घाटन समारोह को लेकर देश की राजनीतिक पार्टियों में दो फाड़ हो गई है ऐसे में अब 2024 के लोकसभा चुनावों में भी विपक्ष का एक होना मुश्किल लग रहा है। यहां तक की संसद के उद्घाटन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट के चौखट पर पहुंच गया है। एक जनहित याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री द्वारा नहीं बल्कि भारत के राष्ट्रपति से कराने का आदेश दिया जाए।