March 18, 2024

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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में मौसम ने अपना रुख बदल लिया है। पिछले कुछ दिनों से बारिश हो रही है। हालांकि मानसून की विदाई हो चुकी है। लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के असर से ये बारिश हो रही है। बारिश के कारण मौसम में ठंडक घुल गई है। सुबह और शाम को अब सर्दी का अहसास होने लगा है।

हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्दी का अहसास अक्टूबर के पहले सप्ताह से ही देखा जा रहा है। मौसम विभाग ने 15 अक्टूबर से मौसम मे बलाव की चेतावनी दी थी, लेकिन उससे पहले ही मौसम ने बदलाव दिखा दिया। वहीं बारिश के कारण प्रदेश में 10 डिग्री तक अधिकतम और 6 डिग्री तक न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

राजस्थान में मंगलवार को भी कई जिलों में बारिश हुई। जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर, बीकानेर, नागौर अलवर, श्रीगंगानगर जिलों में कहीं-कहीं मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई। वहीं 18 अक्टूबर से प्रदेश में मौसम के शुष्क बने रहने का भी अनुमान लगाया जा रहा है।

pc-biharnewsnow.com

इंटरनेट डेस्क। मानसून सीजन चल रहा है और देश के कई राज्यों में झमाझम बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग की माने तो 12 राज्यों में आज तेज बारिश का रेड ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल उत्तर प्रदेश सहित एमपी, यूपी में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान में एक बार फिर से बारिश की गतिविधियों पर रोक लग चुकी है।

वहीं मौसम विभाग ने राजधानी दिल्ली में बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान जताया है। मौसम विभाग की माने तो उत्तर प्रदेश के कई जिलों में वज्रपात सहित आंधी और तूफान की चेतावनी भी जारी की गई है। वही 30 से अधिक जिलों में आज बारिश की संभावना जताई गई है।

वहीं छत्तीसगढ़ में आसमान में बादल छाए रहेंगे। हालांकि तापमान में 2 से 3 डिग्री का इजाफा देखने को मिलेगा। बात राजस्थान के मौसम की कर ले तो यहां भी हालात यहीं बने हुए है। बारिश के दौर थम चुका है और तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उमस ने लोगों का हाल बेहाल किया हुआ है।

pc- navjivan

मौसम अधिसूचना!:उत्तराखंड के सात जिलों में 9 और 10 अगस्त को भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

अन्य जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा. मौसम विभाग के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि टिहरी, देहरादून, पौडी, पिथौरागढ, चंपावत, नैनीताल, यूएसनगर और हरिद्वार जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.

अन्य जिलों में भारी बारिश हो सकती है. लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है. भूस्खलन और सड़कें बंद होने की आशंका है. मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है.

((pc rightsofemployees))

मौसम निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि कुमाऊं के साथ ही चमोली, पौडी समेत कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. 14, 15, 16, 17 जुलाई को पूरे राज्य में भारी बारिश की संभावना है.

उत्तराखंड में अगले चार दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया है. नैनीताल, चंपावत, उधमसिंहनगर के लिए रेड अलर्ट और बाकी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, गुरुवार को भी कई जिलों में भारी से मध्यम बारिश दर्ज की गई.

मौसम निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि कुमाऊं के साथ ही चमोली, पौडी समेत कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. 14, 15, 16, 17 जुलाई को पूरे राज्य में भारी बारिश की संभावना है। 18 तारीख से करीब एक हफ्ते तक बारिश से राहत मिलेगी। लोगों से अपील है कि खराब मौसम में यात्रा करने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें. इस दौरान नदियां उफान पर हो सकती हैं या सड़कें बंद हो सकती हैं.

प्राचार्य स्वयं अवकाश घोषित कर सकेंगे

अब भारी बारिश या किसी अन्य आपदा की स्थिति को देखते हुए स्कूल बंद रखने का फैसला प्रिंसिपल खुद ले सकेंगे. इसके लिए अब जिला प्रशासन की अनुमति की जरूरत नहीं होगी. देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार ने इसके आदेश जारी कर दिये हैं. आदेश के मुताबिक 20 जुलाई तक सरकारी, गैर सरकारी और निजी स्कूलों के प्राचार्य या डीन भारी बारिश या खराब मौसम की स्थिति में स्कूल बंद कर सकेंगे.

आपदा से बचाव के लिए प्रशासन अलर्ट

देहरादून की डीएम सोनिका ने गुरुवार को आपदा प्रबंधन केंद्र का निरीक्षण किया. उन्होंने जिले भर में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भी जानकारी ली। साथ ही अधिकारियों को सक्रियता से काम करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन की स्थिति में इलाके के एसडीएम स्कूलों की छुट्टी पर भी फैसला ले सकते हैं.

डीएम ने जिले में आपदा के दौरान सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय बनाकर काम करने का निर्देश दिया. साथ ही सड़कें बंद होने पर तत्काल राहत और बचाव के निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि सड़क बंद होने की सूचना अधिकारी तुरंत पुलिस और आपदा प्रबंधन को दें. आईआरएस से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सक्रियता बढ़ाने के लिए भी कहा गया.

(pc rightsofemployees)

Several parts of Delhi remained flooded on Friday due to overflowing water from the Yamuna river. At many places, water gushed into homes as well as commercial establishments and roads were inundated.

At 10 am on Friday, the Yamuna water level decreased to 208.38 metres, but stayed above the danger mark of 205.33 metres, ANI reported. On Thursday evening, it had reached a record level of 208.66 metres, over a metre above the previous record of 207.49 metres registered in 1978.

Many areas in Delhi, including Rajghat as well as Mathura Road and Bhagwan Das road near the Supreme Court, remained submerged.

Videos on social media showed the road around the city’s historical Red Fort under water. The monument was closed for the public on Thursday and the order remains in force on Friday.

The city’s busy ITO intersection was also flooded…

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In April, the India Meteorological Department made two important forecasts for the upcoming monsoon. One, that El Niño conditions – the unusual warming of ocean surface water that can cause reduced rainfall – were likely to develop during the monsoon. Two, despite these conditions, the monsoon will be “normal”, with the south peninsula expecting normal to above normal amounts of rain, and north-west India expecting normal or below normal rainfall.

However, by the end of June, the situation on the ground looked very different from these forecasts. The geographical distribution of rainfall was the opposite of what had been forecast: north-west India saw 42% excess rainfall in June, while the southern peninsula experienced 45% below normal rainfall, along with a 6% deficiency in central India, and an 18% deficiency in east and north-east India.

The April forecast of the IMD followed the template of long-range forecasting, which can be done as many as two years in advance. For the monsoon – a crucial season during which India gets 70% of its annual rainfall – the IMD issues forecasts up to three months in advance. Predicting rainfall between June to September, it presents a general trend of expected monsoonal conditions.

But closer to the onset of the monsoon, smaller variations can mould how the…

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इंटरनेट डेस्क। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का असर राजस्थान में अभी भी जारी है। धौलपुर जिले में भी झमाझम बारिश देखने को मिली। मौसम विभाग ने भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर के साथ टोंक जिलों में कहीं-कहीं भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। इसके बाद शुरू हुई बारिश सपोटरा सवाई माधोपुर मार्ग बंद हो गया है।

खबरों की माने तो बारिश के कारण खूब पुरा नदी उफान पर है और उसके कारण रास्ते बंद हो गए है। इधर मौसम विभाग ने आज फिर धोलपुर जिले में रेड अलर्ट जारी किया है तो वहीं भरतपुर और करोली जिले में येला अलर्ट साथ ही सवाई माधोपुर,टोंक,बूंदी कोटा, बारां, झालवाड़, दौसा,जयपुर,भीलवाड़ा जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। सुबह से ही मौसम भी बारिश को हो गया है।

वहीं 22 जून से बारिश की गतिविधया कम हो जाएगी और इसके बाद 24-25 जून से पूर्वी राजस्थान में एक बार फिर बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने की प्रबल संभावना है। वहीं जयपुर में मंगलवार को भी पूरे दिन बारिश का दौर जारी रहा तो रात में भी बारिश देखने को मिली।

pc- hindustan

इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने सात जिलों में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए है। बाड़मेर, सिरोही, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद, पाली, अजमेर में जमकर बादल बरसे है, जिसके बाद हालात ऐसे हो गए है की लोगों को घरों को छोड़कर अन्य जगहों पर रहना पड़ रहा है।

वहीं तूफान के बाद पैदा हुए इन हालातों का आज प्रदेश के मुख्यमंत्री जायजा लेंगे। मीडिया रिपोर्ट की माने तो आज मुख्यमंत्री बिपरजॉय से प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। सीएम ने अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है और दो दिनों तक अब वो प्रदेश के अलग अलग जिलों में हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंंगे।

वहीं आज भी मौसम विभाग ने प्रदेश के तीन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इन तीन जिलों में कोटा, बांरा और सवाई माधोपुर शामिल है। इसके अलावा अन्य जिलों में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।

pc- aaj tak

इंटरनेट डेस्क। गुजरात के तटों से टकराने के बाद अब बिपरजॉय और भी खतरनाक हो गया है। इस समय हवाओं की रफ्तार 125 किलोमीटर है और भारी बारिश हो रही है। बताया जा रहा है की नुकसान का आकलन लगा पाना अभी मुश्किल है। वहीं अब इस तूफान का असर राजस्थान में भी दिखाई देने वाला है। वैसे शाम से ही प्रदेश में मौसम बदल गया है।

मौसम विभाग की माने तो बिपरजॉय तूफान 16 जून को राजस्थान में अपना कहर दिखा सकता है। इसके चलते पूरे राजस्थान में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। मौसम विभाग के अनुसार आज बाड़मेर, जालौर, जैसलमेर और जोधपुर समेत आसपास के कई क्षेत्रों में भारी बारिश और तूफान की आशंकाएं हैं। वहीं तूफान का असर तो 15 जून से ही राजस्थान के कई हिस्सों में दिखना शुरू हो गया था। वहीं आमजन से अपील की गई है कि वह बहुत ज्यादा जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलें।

16 जून से लेकर 18 जून तक राजस्थान में इस तूफान का असर दिखने वाला है। बिपरजॉय तूफान के चलते राजस्थान के दक्षिणी पश्चिमी इलाकों में जलभराव, मकान क्षतिग्रस्त और बिजली के खंभे और पेड़ों के उखड़ने की संभावनाएं हैं। वहीं मौसम विभाग के अनुसार के तूफान के 16 जून को दक्षिणी-पश्चिमी राजस्थान में पहुंचने की संभावना है। 16 जून को बाड़मेर और जालौर में अत्यधिक भारी वर्षा, जैसलमेर, जोधपुर, पाली एवं सिरोही में बहुत भारी वर्षा, बीकानेर, उदयपुर एवं राजसमंद में भारी बारिश की संभावना की जताई गई है।

pc- hindustan

इंटरनेट डेस्क। चक्रवात बिपरजॉय रात को गुजरात के कच्छ जिले के जखाऊ बंदरगाह से टकरा गया है, जिसके बाद अब ये और भी खतरनाक हो गया। ये तूफान तेज़ी के साथ सौराष्ट्र-कच्छ के इलाकों की तरफ बढ़ रहा है। बताया जा रहा है की कच्छ के मांडवी इलाके में अभी तूफानी हवाएं चल रही हैं। इस समय हवाओं की रफ्तार 125 किमी प्रति घंटा है।

इन तेज हवाओं के कारण सौराष्ट्र औऱ कच्छ के इलाकों में पेड़ और खंभे गिरने लगे है। मौसम विभाग की माने तो तूफान के तटों से टकरा जाने के बाद अब लैंडफॉल का असर दिखेगा। गुजरात के तटीय इलाकों में अभी भारी बारिशर हो रही है। वहीं सरकार ने चक्रवात से होने वाले खतरे को देखते हुए 94 हजार से ज्यादा लोगों को तटीय इलाकों से रेस्क्यू किया है।

अब इसके प्रभाव से उत्तरी गुजरात के पाटन और बनासकांठा में शुक्रवार को तेज बारिश होगी। वही तूफान के कारण अभी पांच लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है। साथ ही गुजरात के 940 गांवों में इस समय बिजली नहीं है।

pc-republic bharat

पहाड़ी राज्यों में भी अभी 3 दिनों तक भीषण गर्मी जारी रहने वाली है। उत्तर प्रदेश में गर्मी बढ़ गई है। बढ़ते तापमान और सूर्य की किरणों के कारण मैदानी इलाकों के तापमान में भारी वृद्धि हो रही है। 18 जून के बाद मौसम में बड़े बदलाव होंगे। राजधानी दिल्ली में 18 जून को बारिश देखी जा सकती है। इसके साथ ही तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।

मौसम में बदलाव का दौर जारी है। कई इलाकों में लगातार भारी बारिश देखने को मिल रही है. वहीं, उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में गर्म तेज हवाओं और लू का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, नई दिल्ली, ओडिशा, झारखंड में लू चलने की चेतावनी जारी की गई है, जबकि मध्य प्रदेश समेत छत्तीसगढ़ में गर्म तेज हवाएं चलेंगी.

भीषण गर्मी का प्रकोप 3 दिन से जारी है

पहाड़ी राज्यों में भी अभी 3 दिनों तक भीषण गर्मी जारी रहने वाली है। उत्तर प्रदेश में गर्मी बढ़ गई है। बढ़ते तापमान और सूर्य की किरणों के कारण मैदानी इलाकों के तापमान में भारी वृद्धि हो रही है। 18 जून के बाद मौसम में बड़े बदलाव होंगे। राजधानी दिल्ली में 18 जून को बारिश देखने को मिल सकती है। साथ ही तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी, वहीं उत्तर प्रदेश में भी 18 जून से मौसम में बदलाव आएगा। आसमान में बादल छाए रहेंगे, तेज आंधी का पूर्वानुमान जारी किया गया था। कुछ इलाकों में बारिश भी देखी जा सकती है। हालांकि उत्तर प्रदेश को मानसून के लिए जुलाई तक इंतजार करना होगा।

बिहार झारखंड के कई इलाकों में गर्म तेज हवा

तेज हवा समेत बिहार झारखंड के कई इलाकों में लू की चेतावनी जारी की गई है. फिलहाल 3 दिन तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। 3 दिन बाद राहत मिलने के आसार हैं। साथ ही तापमान में भी गिरावट देखने को मिलेगी। कई इलाकों में बारिश देखी जा सकती है। आंधी और बिजली गिरने का पूर्वानुमान भी जारी किया गया है। बंगाल के कई इलाकों में बारिश की गतिविधि देखी जा रही है। दरअसल, कुछ इलाकों में बारिश का दौर जारी है। वहीं, कुछ इलाकों में लू की चेतावनी भी जारी की गई है। पश्चिम बंगाल में मौसम का यह दौर फिलहाल जारी रहने वाला है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी

उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ रही है, पारा 43 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है. वहीं, 18-19 जून को मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. बताया जा रहा है कि अरब सागर में बने चक्रवात का असर पश्चिम उत्तर प्रदेश तक हो सकता है. वहीं, 20 जून के बाद उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में मानसून की दस्तक देखने को मिलेगी। हालांकि 25 से 30 जून के बीच मानसून पूरे क्षेत्र में दस्तक दे सकता है।

चक्रवात बिपारजॉय ने 15 जून तक गुजरात पहुंचने की चेतावनी दी है

वहीं, अरब सागर में बन रहे प्रचंड चक्रवाती तूफान बिपरजोय के 15 जून तक गुजरात पहुंचने की चेतावनी जारी की गई है। वहीं प्रशासन द्वारा हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। चक्रवाती तूफान दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में प्रवेश करने से पहले 15 जून को लैंडफॉल करेगा। इस दौरान द्वारका कच्छ और भुज में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है, वहीं कई इलाकों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है.

24 घंटे तूफान गतिविधि की निगरानी

तूफान की गतिविधि पर गृह मंत्रालय और राज्य सरकार द्वारा चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है। आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी एजेंसियों को तैयार कर लिया गया है। उधर, मौसम विभाग की ओर से जारी जारी तूफान को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड में है, जबकि मछुआरों को समुद्र के पास से रोक दिया गया है.

थल सेना, नौसेना समेत वायुसेना और तटरक्षक बल को तैनात किया गया है। गुजरात में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। बारिश के कारण कई इलाकों में बारिश के हालात भी बन रहे हैं. वहीं, महाराष्ट्र के कई इलाकों में भारी बारिश और तूफान का अनुमान जताया गया है. गोवा में भी बारिश जारी रहेगी।

दक्षिणी राज्यों में बारिश

दक्षिणी राज्यों की बात करें तो केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु में बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। आपको बता दें कि केरल समेत तमिलनाडु के तमाम इलाकों में मानसून प्रवेश कर चुका है. इसके साथ ही तेज बारिश भी देखने को मिल रही है.

पूर्वी राज्यों में बारिश

असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। भूस्खलन को लेकर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। वहीं, न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी। मौसम विभाग के मुताबिक यह दौर इस हफ्ते भी जारी रहने वाला है।

इन राज्यों में लू का कहर

मौसम विभाग की ओर से अगले 5 दिनों तक उत्तर प्रदेश सहित उत्तर प्रदेश क्षेत्रों में ट्रेनों की स्थिति बनी रहेगी. 18 तारीख से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान जारी किया गया है। कुछ क्षेत्रों में हीटवेव की स्थिति विकसित हो गई है।

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित आंध्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़ में भी मौसम में खासा बदलाव देखने को मिलेगा, जबकि हिमाचल में बारिश की संभावना से इनकार किया गया है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय न होने से जम्मू कश्मीर, लेह, लद्दाख गिलगित, मुजफ्फराबाद में भी बारिश की संभावना से इनकार किया गया। हालांकि, राजस्थान, गुजरात और जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के क्षेत्रों पर चक्रवाती तूफान के प्रभाव के लिए पूर्वानुमान जारी किया गया है।

मौसम की चेतावनी

  • सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश की संभावना है।
  • नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है।
  • अरूणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, सौराष्ट्र, कच्छ, केरल और माहे में व्यापक बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
  • ओडिशा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गुजरात क्षेत्र और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
  • नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, कोंकण, गोवा, तटीय कर्नाटक और लक्षद्वीप में व्यापक बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
  • गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, विदर्भ, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और उत्तर आंतरिक कर्नाटक।
  • उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, गांगेय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम और तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर लू की स्थिति की संभावना है।
  • हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में कुछ स्थानों पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहने की संभावना है। .

Cyclone Biparjoy Updates: आईएमडी के मुताबिक, बिपार्जॉय के जखाऊ पोर्ट के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ एक अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में गुरुवार शाम को लैंडफॉल करने की संभावना है। स्टेट इमरजेंसी ऑपरेटिंग सेंटर (एसईओसी) द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुक में बुधवार सुबह समाप्त हुए 24 घंटे की अवधि में सबसे अधिक 121 मिमी बारिश दर्ज की गई।

गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के पास शक्तिशाली चक्रवात बिपरजोय की संभावित दस्तक से पहले, अधिकारियों ने अब तक राज्य के तटीय क्षेत्रों से लगभग 50,000 लोगों को निकाला है और उन्हें अस्थायी आश्रय शिविरों में स्थानांतरित कर दिया है। . भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुधवार को कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, क्योंकि बिपार्जॉय गुजरात तट की ओर बढ़ गया।

आईएमडी के अनुसार, बिपार्जॉय के गुरुवार शाम को 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा के साथ बेहद भयंकर चक्रवाती तूफान के रूप में जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान में कराची के बीच लैंडफॉल बनाने की संभावना है।

स्टेट इमरजेंसी ऑपरेटिंग सेंटर (एसईओसी) द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुक में बुधवार सुबह समाप्त हुए 24 घंटे की अवधि में सबसे अधिक 121 मिमी बारिश दर्ज की गई। जबकि, द्वारका और कल्याणपुर में क्रमश: 92 मिमी और 70 मिमी बारिश हुई।

विज्ञप्ति के अनुसार, उस अवधि के दौरान जामनगर, जूनागढ़, राजकोट, पोरबंदर और कच्छ जिलों के नौ तालुकों में 50 मिमी से अधिक बारिश हुई।

SEOC के मुताबिक, सौराष्ट्र और कच्छ जिलों के 54 तालुकों में बुधवार सुबह तक समाप्त हुए 24 घंटों में 10 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई.

राज्य के राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडेय ने कहा, ‘चक्रवात अब कच्छ से करीब 290 किलोमीटर दूर है। एहतियात के तौर पर हमने तटीय क्षेत्रों से करीब 50,000 लोगों को सुरक्षित आश्रय शिविरों में स्थानांतरित किया है। निकासी अभियान अभी भी जारी है और शाम तक शेष 5,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।”

पांडे ने गांधीनगर में मीडिया को बताया कि निकाले गए 50,000 लोगों में से 18,000 को कच्छ जिले के शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि बाकी को जूनागढ़, जामनगर, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, मोरबी और राजकोट में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। पहुँचा दिया गया है।

पांडेय के मुताबिक एनडीआरएफ की 15, एसडीआरएफ की 12, राज्य सड़क एवं भवन विभाग की 115 और राज्य बिजली विभाग की 397 टीमों को विभिन्न तटीय जिलों में तैनात किया गया है.

“बिजली आपूर्ति और संचार को बहाल करने के लिए बिजली और सड़क और भवन विभागों के अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच गए हैं। हमने बेहतर संचार के लिए क्षेत्रीय क्षेत्रों में एचएएम रेडियो सेट और सैटेलाइट फोन से लैस अलग-अलग टीमों को भी तैनात किया है।” कर चुके है।”

चक्रवात 15 जून को गुजरात तट से टकराएगा

इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने चक्रवात के प्रकोप से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए मंगलवार रात राज्य सरकार के आपात संचालन केंद्र का दौरा किया.

आईएमडी ने एक बुलेटिन में कहा कि जैसे ही चक्रवात 15 जून को गुजरात तट पर पहुंचेगा, राज्य में बारिश की तीव्रता बढ़ जाएगी और कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की उम्मीद है।

बुलेटिन के अनुसार, बिपार्जॉय के 15 जून की शाम तक बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में जखाऊ बंदरगाह (गुजरात) के पास मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच सौराष्ट्र, कच्छ और उससे सटे पाकिस्तान तट को पार करने की संभावना है। इस दौरान, क्षेत्र में 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।

बुलेटिन के अनुसार, चक्रवात के कारण पोरबंदर, राजकोट, मोरबी, जूनागढ़ और सौराष्ट्र के बाकी जिलों और उत्तर गुजरात क्षेत्र में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।

आईएमडी ने शुक्रवार को उत्तरी गुजरात और आसपास के दक्षिण राजस्थान के जिलों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम और भारी से बहुत भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है।

इंटरनेट डेस्क। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का खतरा अब और भी ज्यादा बढ़ता जा रहा है। माना जा रहा है की 15 जून को यह गुजरात से टकराएगा। ऐसे में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने तैयारिया पूरी कर ली है। पीएम मोदी ने खुद इसको लेकर बैठक की है। माना जा रहा है की गुजराती तटों पर इसके कारण भारी बारिश होगी। नौसना ने जहाज तैयार किए हुए है तो वहीं वायुसेना भी अलर्ट मोड पर है। बताया जा रहा है की राजस्थान में 15 जून से कई ट्रेने रद्द कर दी गई है।

वहीं राजस्थान में चक्रवाती तूफान का रेड अलर्ट जारी किया गया है, जिसका असर 15 से 17 जून तक दिखाई देगा। बताया जा रहा है की तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश होगी और तापमान में 10 डिग्री तक गिरावट होगी। मौसम विभाग की माने तो चक्रवाती तूफान अभी अरब सागर की खाड़ी में आगे बढ़ रहा है और ये 15 जून को गुजराती तटों से टकराएगा।

उसके बाद उत्तर-पूर्व राजस्थान की तरफ आगे बढ़ेगा। टकराने के साथ ही यह कमजोर होगा और राजस्थान में डिप्रेशन के साथ कम दबाव का क्षेत्र बनेगा। जिसके चलते तीन से चार दिन तक मौसम में भारी बादलाव दिखाई देगा। तूफान का असर राजस्थान में 15 जून की शाम से ही दिखाई देगा। जोधपुर और उदयपुर संभाग में भारी बारिश का दौर शुरू होगा। सबसे ज्यादा असर 16 व 17 जून को रहेगा।

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It is a rather ordinary morning in January. The waves nibble away at the western coast in Maharashtra’s Ratnagiri district. Much of the coast is armoured with sea walls.

There is a bustling jetty at a distance, with ships waiting to transport people to a town in the adjacent district of Raigad. There is also a bridge, that has been in the making for the last eight years, to connect Raigad district to Mandangad tehsil in Ratnagiri. But the part-finished structure has been abandoned since the lockdown. The villagers do not know why, and see no point in pursuing the question.

The ordinariness of everyday life in these sea-facing villages of Velas and Bhankot do not hint at the larger shifts they have been witnessing or are part of. But some villagers are observant. Mohan Upadhay is one of them.

Upadhay is a nature lover and a conservationist. In the last two decades, he has documented, through pictures and writings, how the shoreline in his area has changed and how biodiversity has been impacted in the process. In the neighbouring Bhankot village, he told us, the sea has come inwards, a signal of rising sea levels, while in his village Velas, the tidal patterns have…

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इंटरनेट डेस्क। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है और इसके कारण ही ज्यादा गर्मी भी लोगों को परेशान कर रही है। वहीं राजस्थान में भी इस तूफान का असर देखने को मिल रहा है। इसके कारण तापमान भले की 40 डिग्री का लेकिन अहसास 48 डिग्री वाला हो रहा है। हालात यह है की उमस लोगों को परेशान कर रही है।

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण ही राजस्थान में पड़ गर्मी और उमस के बाद अब एक बार फिर आंधी-तूफान के साथ बारिश का दौर शुरू होगा। मौसम विभाग की माने तो आने वाले दिनों में कई इलाकों में आंधी-तूफान के साथ बारिश का येल्लो अलर्ट है। 14 जून से इसकी शुरूआत हो जाएगी और 17 और 18 जून को तेज आंधी बारिश दिखाई देगी।

मौसम विभाग की माने तो चक्रवाती तूफान बिपरजॉय धीरे-धीरे अब उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगा है। इसके चलते 16 जून तक ये चक्रवाती तूफान पाकिस्तान तट की ओर पहुंच जाएगा। इसके असर से 14-15 जून को दक्षिणी और पश्चिमी भागों में बारिश, आंधी-तूफान की गतिविधियां देखने को मिलेगी।

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प्रदेश में एक बार फिर बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने दो दिनों तक कई जिलों में तेज हवा और गरज के साथ तेज बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई है. सोमवार को राज्य के 17 जिलों में तेज आंधी और बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है. इस बीच कई जिलों में ओले भी गिर सकते हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ में लू का अलर्ट जारी किया गया है.

मप्र के 17 जिलों में अलर्ट

वहीं मौसम विभाग ने सोमवार को 17 जिलों में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई है. मंगलवार को भोपाल, सीहोर, विदिशा, राजगढ़, रायसेन, उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास, रतलाम, नीमच, मंदसौर, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, खंडवा और बुरहानपुर में बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने का पूर्वानुमान जारी किया गया है। है। इसके अलावा कई इलाकों में तेज हवाएं और ओलावृष्टि भी हो सकती है। इन जिलों के आस-पास के क्षेत्रों में भी मौसम परिवर्तनशील रह सकता है।

दो दिनों तक मौसम ऐसा ही रहेगा

वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिनों तक मध्य प्रदेश में मौसम ऐसा ही रहने वाला है। इन दिनों हुई तेज बारिश से लोगों को गर्मी से भी राहत मिली। इस साल मानसून 20 जून के बाद राज्य में प्रवेश करेगा।

सोमवार को कई जिलों में ओले गिरे

मध्य प्रदेश के कई जिलों में सोमवार को ओले गिरे, वहीं सागर, नीमच, बैतूल, रायसेन, उज्जैन, नर्मदापुरम, सीहोर, अशोकनगर, मंडला, शहडोल, बालाघाट, छिंदवाड़ा, मंदसौर, विदिशा और रायसेन में हल्की बारिश हुई.

इन जिलों में बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने खरगोन, बुरहानपुर, अलीराजपुर, बड़वानी, झाबुआ और धार जिलों में गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि की संभावना जताई है. मौसम विभाग ने इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा छिंदवाड़ा, मंडला, बालाघाट, पन्ना, सागर, दमोह, छतरपुर सहित नर्मदापुरम, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-चंबल, शहडोल संभाग के जिलों में बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं.

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इंटरनेट डेस्क। मौसम विभाग ने एक और चक्रवाती तूफान को लेकर अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र अब चक्रवाती तूफान ;बिपारजॉय में तब्दील हो गया है। जिसका असर बहुत ही जल्द देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर मछुआरों को उस क्षेत्र में नहीं जाने की सलाह दी है।

मौसम विभाग की माने तो पूर्वोत्तर अरब सागर और उत्तरी गुजरात तट पर 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा चल सकती है और इसकी रफ्तार 65 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। मौसम विभाग की माने तो चक्रवाती तूफान गुरूवार सुबह तक भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने और शुक्रवार शाम तक इसके प्रचंड रूप लेने की संभावना है।

इस दौरान केरल-कर्नाटक तटों और लक्षद्वीप-मालदीव इलाकों में 6 जून और कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर 8 से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है।वहीं इस चक्रवाती तूफान का असर कई राज्यों में भी देखने को मिल सकता है। इसके कारण हवाओं को रूख तेज होगा और बारिश भी हो सकती है।

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The residents of Goshal village in Himachal Pradesh tell a story about the two snow-capped peaks onto which the village looks out. The peak on the left, they say, was the home of the goddess Parvati, while the one on the right was the home of the god Shiva. After Parvati married Shiva, she shifted from her mountain to her husband’s. But before she did, she extracted a promise from him – that he would bless her home with nine feet of snow every year.

The legend was believed to explain Goshal’s history of heavy snowfall. “About 20 years ago, there used to be such heavy snowfall, that it would pile up till the roofs,” said Nain Chand, a resident of Goshal. “We used to walk from roof to roof!”

In recent years, however, the tale has not resonated as before, owing to dramatic declines in snowfall in the region. “Today, we don’t even receive half of nine feet,” Chand said.

Elora Chakraborty, a doctoral candidate in glacial geomorphology at Jawaharlal Nehru University, who studies glaciers in Lahaul valley, explained that snowfall levels in the region were measured only in the town of Keylong, which is the sub-division headquarter. These levels, she added, showed dramatic variance…

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इंटरनेट डेस्क। देश के कई राज्यों में इस बार मानसून से पूर्व ही अच्छी बारिश हुई है। लेकिन इस बार मौसम विभाग ने जो अनुमान जताया था उसके मुताबिक मानसून लेट हो रहा है। अगर और सालों के हिसाब से देखे तो केरल में अब तक मानसून की एंट्री हो चुकी होती है। लेकिन इस बार मानसून केरल में भी लेट पहुंचेंगे।

मौसम विभाग की माने तो इस बार केरल में मानसून की एंट्री ही 8 जून के आस पास होगी। ऐसे में ये जितना लेट होगा उतना ही अन्य राज्यों में भी लेट ही पहुंचेगा। उधर मानसून के लेट होने के कारण ही पूर्वी भारत के राज्यों विशेषकर बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में गर्मी का संकट गहराता जा रहा है। यहां आने वाले दिनों में पूर्वी भारत के राज्यों में हीट वेव का संकट और बढ़ सकता है।

बात कर ले राजस्थान की तो यहां मानसून इस हिसाब से जुलाई में प्रवेश करेगा। वहीं अभी के मौसम की बात करें तो आज से प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म हो जाएगा और उसके साथ ही तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी। जिसके कारण एक बार फिर से प्रदेश के लोगों को गर्मी परेशान करेगी।

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United States Republican presidential candidate Nikki Haley on Monday said that there was a need to “confront India and China” in order to save the environment.

“If we want to be serious about saving the environment, we need to confront India and China,” Haley, who has roots in India, wrote on Twitter. “They are some of the biggest polluters.”

The tweet by the former South Carolina governor on the occasion of World Environment Day led to an online backlash, with many Twitter users pointing to the United States’ significantly larger historical contribution to worldwide pollution.